
ओडिशा के मयूरभंज जिले में भारी बारिश से हालात गंभीर हो गए हैं। लगातार बारिश के कारण देओ नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया है, जिसके चलते कइंसारी के पास स्थित जामुघाट पुल पूरी तरह पानी में डूब गया है। पुल के ऊपर करीब 3 फीट गहरा पानी बह रहा है।
यह पुल उदला और बालेश्वर समेत करीब 8 पंचायतों को जोड़ता है। लेकिन अब पुल डूब जाने से इन सभी इलाकों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इलाके में आवाजाही पूरी तरह ठप हो चुकी है और लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार बीते दो दिनों से शिमिलिपाल कीपहाड़ियों पर लगातार बारिश हो रही है। इसी वजह से देओ नदी का पानी काफी बढ़ गया है, जो अब जामुघाट पुल के ऊपर से बह रहा है। इस पुल से होकर रोजाना सैकड़ों लोग और गाड़ियां गुजरती थीं, लेकिन अब खतरे की वजह से सभी आवाजाही रुक गई है।हालांकि प्रशासन ने अभी तक पुल को पूरी तरह बंद करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन कुछ लोग जोखिम उठाकर अब भी इस पानी से भरे पुल पर आवाजाही कर रहे हैं। यह स्थिति बहुत ही खतरनाक है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।स्थानीय ग्रामीण प्रशासन से आशा कर रहे हैं कि जल्द से जल्द यहां पर बैरिकेडिंग की जाएगी और वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की जाएगी ताकि लोगों को राहत मिले । साथ ही, बारिश और नदी के जलस्तर पर नजर रखकर राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
यह पुल उदला और बालेश्वर समेत करीब 8 पंचायतों को जोड़ता है। लेकिन अब पुल डूब जाने से इन सभी इलाकों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। इलाके में आवाजाही पूरी तरह ठप हो चुकी है और लोगों को आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार बीते दो दिनों से शिमिलिपाल कीपहाड़ियों पर लगातार बारिश हो रही है। इसी वजह से देओ नदी का पानी काफी बढ़ गया है, जो अब जामुघाट पुल के ऊपर से बह रहा है। इस पुल से होकर रोजाना सैकड़ों लोग और गाड़ियां गुजरती थीं, लेकिन अब खतरे की वजह से सभी आवाजाही रुक गई है।हालांकि प्रशासन ने अभी तक पुल को पूरी तरह बंद करने की घोषणा नहीं की है, लेकिन कुछ लोग जोखिम उठाकर अब भी इस पानी से भरे पुल पर आवाजाही कर रहे हैं। यह स्थिति बहुत ही खतरनाक है और कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।स्थानीय ग्रामीण प्रशासन से आशा कर रहे हैं कि जल्द से जल्द यहां पर बैरिकेडिंग की जाएगी और वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की जाएगी ताकि लोगों को राहत मिले । साथ ही, बारिश और नदी के जलस्तर पर नजर रखकर राहत और बचाव कार्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
फिलहाल, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम को सतर्क रहने की ज़रूरत है, ताकि कोई जान-माल का नुकसान न हो।